सहकर्मी की सलाह मानने के बाद एक टेलीमार्केटीयर, कॉर्पोरेट जगत की बुलंदियों पर तो पहुंच जाता है. पर सफलता कभी न कभी उससे कॉर्पोरेट और नैतिकता की दुविधा में उलझाती ही है.