बाईपोलर डिसऑर्डर पीड़ित एक शख्स अपने पैरेंट्स के साथ रहने उनके घर आ जाता है. वहां एक ज़िंदादिल विधवा से उसकी दोस्ती होती है, जिससे दोनों ही अपने-अपने तरह से बेहतर बनते जाते हैं.
बाईपोलर डिसऑर्डर पीड़ित एक शख्स अपने पैरेंट्स के साथ रहने उनके घर आ जाता है. वहां एक ज़िंदादिल विधवा से उसकी दोस्ती होती है, जिससे दोनों ही अपने-अपने तरह से बेहतर बनते जाते हैं.