जब उसकी सीधी-सादी, ढर्रे पर चलने वाली ज़िंदगी में हलचल मचती है, तब नागरिक अधिकारों की पैरवी करने वाले जीनियस अटॉर्नी को, एक मुश्किल नैतिक फ़ैसले का सामना करना पड़ता है.