एक फिल्म निर्माता अपने बचपन को याद करता है, जब उसे अपने स्थानीय गाँव के सिनेमा में फिल्मों से प्यार हो जाता है और सिनेमा के प्रोजेक्शनिस्ट से गहरी दोस्ती हो जाती है।