1970 के दशक में 11-वर्षीय मार्गरेट के सामने सोचने के लिए कई विषय हैं जैसे, नई दोस्तियां, पारिवारिक जीवन, धर्म से जुड़े सवाल वगैरह. साथ ही यह परेशानी भी कि आखिर वह कब जवान होगी.

दूसरों से अलग-थलग रहने और हाई स्कूल को लेकर मन में पलने वाले डर के बावजूद, आठवीं कक्षा की एक शर्मीली छात्रा हिम्मत बनाए रखते हुए मिडिल स्कूल का आखिरी हफ़्ता पूरा करती है.