दूसरे विश्व युद्ध के दौरान भागा हुआ एक क़ैदी तिब्बत पहुंच जाता है जहां वो दलाई लामा से मिलता है. यह दोस्ती ज़िंदगी के प्रति उसका नज़रिया ही बदल देती है.
दूसरे विश्व युद्ध के दौरान भागा हुआ एक क़ैदी तिब्बत पहुंच जाता है जहां वो दलाई लामा से मिलता है. यह दोस्ती ज़िंदगी के प्रति उसका नज़रिया ही बदल देती है.