बात 1890 के भारत की है, एक घमंडी और बदतमीज़ ब्रिटिश कमांडर चंपानेर की टैक्स से परेशान जनता को एक क्रिकेट मैच के लिए चुनौती देता है और फिर दांव पर लगता है उनका भविष्य.
अपने बड़े बेटे के अमेरिकी क्रांति में शामिल होने के बाद, एक विधुर खुद भी युद्ध में शामिल हो जाता है. क्योंकि युद्ध ने उसकी सबसे अहम चीज़ को खतरे को में डाल दिया है.